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व्हाट्सएप ग्रुप दे रहा कर्मयोगी बनने का संदेश...एक बार जरूर पढ़े

खबर चक्र । जी हां सही पढ़ा आपने। 'कर्मयोगी'... यही नाम दिया है अपने कर्म को बहरोड़ के युवाओं ने। अब ये कर्मयोगी अपने नित्य कर्म की भांति ही प्रतिदिन बहरोड़ के खेल स्टेडियम को स्वच्छ व सुंदर बनाने में जुटे हैं। ... चलिए अब आपको पूरी जानकारी देते हैं। अलवर जिले का बहरोड़ उपखंड, जो राजनीतिक व प्रशासनिक शिथिलता के चलते आपराधिक आवरण ओढ़ने पर आमदा है। इसी बीच बहरोड के कुछ युवाओं ने अपने शहर को आपराधिक गिरफ्त से बचाने के लिए ' हम हिंदुस्तानी -नई सोच' नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में बहरोड़ के प्रशासनिक, राजनीतिक व सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़े व्यक्तियों को जोड़ने के साथ ही आम जन को जोड़ा जा रहा है। ग्रुप का उद्देश्य युवाओं में अपराध की भावना खत्म कर उन्हें घर, परिवार, समाज और देश से जोड़ते हुए 'कर्मयोगी' बनाना है। कर्मयोगी कौन? ग्रुप के एडमिन संजय हिंदुस्तानी के अनुसार वह प्रत्येक व्यक्ति कर्मयोगी है जो राष्ट्रीय व समाज हित में स्वेच्छा से व निस्वार्थ भाव से प्रतिदिन अपना योगदान देता है। हम सर्वप्रथम अपने शहर के नागरिकों से कर्मयोगी बन अपने शहर