मेथी की पैदावार सबसे ज्यादा सर्दियों में होती है और खाया भी इसी मौसम में जाता है। मेथी की पत्तियां, हरी पत्तेदार सब्जियों में से एक हैं। मेथी की पत्तियों को दाल, सब्जी और पराठे के रूप में खाया जा सकता है। मेथी की पत्तियां ना सिर्फ आपके खाने का जाएगा बढ़ाती हैं बल्कि सर्दियों में आपको अच्छी सेहत भी प्रदान करती हैं। मेथी के पत्ते खाने के फायदे मेथी के पत्तों में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जिनके सेवन से कई बीमारियों से बचाव होता है, साथ ही यहां विभिन्न प्रकार के समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है। हृदय रोगों में लाभकारी मेथी के पत्तियों में गैलेक्टोमैनन की उपस्थिति के कारण यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें पोटेशियम भी पाया जाता है जो हृदय गति और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए सोडियम की क्रिया का मुकाबला करती है। डायबिटीज में है रामबाण मेथी में मौजूद प्राकृतिक घुलनशील फाइबर गैलेक्टोमैनन खून में शुगर के अवशोषण की दर को धीमा कर देता है। इसमें इंसुलिन के उत्पादन को प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार अमीनो एसिड भी ...
खबर चक्र । जी हां सही पढ़ा आपने। 'कर्मयोगी'... यही नाम दिया है अपने कर्म को बहरोड़ के युवाओं ने। अब ये कर्मयोगी अपने नित्य कर्म की भांति ही प्रतिदिन बहरोड़ के खेल स्टेडियम को स्वच्छ व सुंदर बनाने में जुटे हैं। ... चलिए अब आपको पूरी जानकारी देते हैं। अलवर जिले का बहरोड़ उपखंड, जो राजनीतिक व प्रशासनिक शिथिलता के चलते आपराधिक आवरण ओढ़ने पर आमदा है। इसी बीच बहरोड के कुछ युवाओं ने अपने शहर को आपराधिक गिरफ्त से बचाने के लिए ' हम हिंदुस्तानी -नई सोच' नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में बहरोड़ के प्रशासनिक, राजनीतिक व सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़े व्यक्तियों को जोड़ने के साथ ही आम जन को जोड़ा जा रहा है। ग्रुप का उद्देश्य युवाओं में अपराध की भावना खत्म कर उन्हें घर, परिवार, समाज और देश से जोड़ते हुए 'कर्मयोगी' बनाना है। कर्मयोगी कौन? ग्रुप के एडमिन संजय हिंदुस्तानी के अनुसार वह प्रत्येक व्यक्ति कर्मयोगी है जो राष्ट्रीय व समाज हित में स्वेच्छा से व निस्वार्थ भाव से प्रतिदिन अपना योगदान देता है। हम सर्वप्रथम अपने शहर के नागरिकों से कर्मयोगी बन अपने शहर...